रेलवे स्टेशन से सीधे कामाख्या मंदिर जाने के लिए जल्द बनेगा रोपवे, सात मिनट में पूरी हो जाएगी दूरी
असम सरकार ने गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर स्थित कामाख्या मंदिर में असम सरकार रोपवे बनने जा रही है. इसके बाद रेलवे स्टेशन से रोपवे तक यात्रा का समय लगभग आधा हो जाएगा.
असम सरकार ने गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर स्थित प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में एक रोपवे बनाने की योजना तैयार की है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि राज्य सरकार कामाख्या मंदिर के लिए "नए क्षितिज" की दिशा में प्रयास कर रही है, जहां हर साल देश और विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इसके बाद यात्रा का समय लगभग आधा हो जाएगा.
बढ़ेगी पर्यटक क्षमता, दोनों दिशाओं में होगा संचालित
कामाख्या रेलवे स्टेशन से मंदिर तक रोपवे सेवा चलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा पहले ही एक व्यापक अध्ययन किया जा चुका है. सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि रोपवे से ट्रेन से आने वाले तीर्थयात्रियों और मेहमानों के लिए यात्रा का समय लगभग आधा हो जाएगा और पर्यटक क्षमता भी बढ़ेगी. प्रति घंटे 1,000 लोगों को ले जाने की क्षमता वाला यह रोपवे दोनों दिशाओं में संचालित होगा. यह नीलाचल पहाड़ियों की दूरी सात मिनट में तय करेगा.
2026 तक रखी गई है समयसीमा
राज्य सरकार ने रोपवे का काम पूरा करने के लिए जून 2026 तक की समय सीमा तय की है. विशेष रूप से, वाराणसी में काशी-विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के अनुरूप, असम सरकार कामाख्या मंदिर में भी एक कॉरिडोर बनाने का इरादा रखती है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, मंदिर के आसपास की खुली जगह का क्षेत्रफल मौजूदा 3,000 वर्ग फुट से बढ़कर लगभग 1,00,000 वर्ग फुट हो जाएगा, जो तीन स्तरों पर वितरित होगी.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
10 हजार तक बढ़ जाएगी तीर्थयात्रियों की क्षमता
अधिकारी ने कहा कि एक्सेस कॉरिडोर की औसत चौड़ाई इसकी वर्तमान चौड़ाई 8-10 फीट से बढ़कर लगभग 27 -30 फीट हो जाएगी. नीलाचल के छह प्रमुख मंदिर, जो वर्तमान में आम जनता की नजरों से छिपे हुए हैं, को उनके पूर्व वैभव में वापस लाया जाएगा. अंबुबाची मेला और अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान दबाव को कम करने के लिए परियोजना के हिस्से के रूप में मंदिर में तीर्थयात्रियों की क्षमता भी बढ़ाकर 8,000 से 10,000 की जाएगी.
04:58 PM IST